इंदौर में गंदा पानी बना मौत की वजह

इंदौर के भागीरथपुरा में गंदा पानी पीने के कारण हुई पांच मौतों व बीमार लोगों की चिंता अब सरकारी महकमे ने शुरू कर दी है, लेकिन लापरवाही किसकी है। यह सामने नहीं आई है। मेयर पुष्यमित्र भार्गव ने कहा कि महापौर परिषद के स्पष्ट निर्देश हैं कि जिन इलाकों में गंदे पानी की शिकायत है, वहां तुरंत पेयजल लाइन या ड्रेनेज की लाइन बदली जाए। भागीरथपुरा में भी नई लाइन डालने के निर्देश दिए गए थे, इसमें अफसरों की तरफ से देरी हुई।

इस मामले में जो भी जिम्मेदार है, उनके खिलाफ एक्शन लिया जाएगा। मेयर ने कहा कि नर्मदा पेयजल के सैंपल लिए हैं, लेकिन प्राथमिक दृष्टि से आशंका है कि पेयजल लाइन में गंदा पानी मिला है। उन्होंने यह भी कहा कि बस्ती में तीन लोगों की मौत की जानकारी सामने आई है, लेकिन उनकी मौत की वजह क्या है, यह स्वास्थ्य विभाग की रिपोर्ट से पता चलेगा।

‘चाय पर चर्चा बंद करो, गंदे पानी पर चर्चा करो’
गंदे पानी की बोतल लेकर कांग्रेसी पहुंचे मेयर हाउस गंदे पानी की बोतल लेकर युवा कांग्रेस के कार्यकर्ता मेयर हाउस पहुंचे। वे नारे लगा रहे थे- चाय पर चर्चा बंद करो, गंदे पानी पर चर्चा करो। वे नारेबाजी करते रहे और मेयर से मिलने के लिए भीतर जाने की कोशिश की, लेकिन पुलिसकर्मियों ने उन्हें गेट पर ही रोक दिया। वे कर्मचारियों को ही गंदे पानी की बोतल भेंट कर आ गए।

‘नगर निगम को हादसों का इंतजार रहता है’
शहर युवा कांग्रेस अध्यक्ष अमित पटेल का कहना था कि गंदे पानी की शिकायत शहर की कई बस्तियों में है। कई बार इसकी शिकायतें हो चुकी हैं, लेकिन नगर निगम को हादसों का इंतजार रहता है। शहर कांग्रेस अध्यक्ष चिंटू चौकसे भी इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती मरीजों से मिलने पहुंचे थे।

वहीं, इंदौर कलेक्टर शिवम वर्मा भागीरथपुरा के दूषित पानी से बीमार लोगों से मिलने पहुंचे। कलेक्टर ने लोगों का हालचाल जाना। चाचा नेहरु अस्पताल और एमवाय अस्पताल जाकर मरीजों से मिलें। इस दौरान परिजनों को आश्वस्त किया कि मुख्यमंत्री के निर्देशन में बेहतर उपचार व्यवस्था सुनिश्चित की जाएगी।