इंदौर में भिक्षावृत्ति मुक्त अभियान के तहत महिला एवं बाल विकास विभाग के भिक्षावृत्ति उन्मूलन दल ने भिक्षा देने के मामले में दूसरा प्रकरण दर्ज किया है। स्कीम-78 स्थित बावड़ी हनुमान मंदिर के पास एक कार चालक द्वारा 10 रुपये की भिक्षा देने की घटना को कैमरे में कैद कर लिया गया और लसूड़िया थाने में उसके खिलाफ प्रकरण दर्ज करवाया गया। यह मामला तब सामने आया जब 2 जनवरी को कलेक्टर आशीष सिंह ने भिक्षा मांगने और देने, दोनों पर आपराधिक प्रकरण दर्ज करने के निर्देश जारी किए थे। इंदौर को भिक्षा मुक्त बनाने के लिए विभाग ने गत वर्ष अभियान शुरू किया था, जिसमें पहले जागरूकता फैलाई गई, फिर भिक्षुकों को समझाइश दी गई और बाद में भिक्षावृत्ति में लिप्त लोगों का रेस्क्यू किया गया। अब इस गतिविधि को रोकने के लिए सीधे आपराधिक प्रकरण दर्ज करवाया जा रहा है। इस मामले में छह महीने तक की जेल और आर्थिक दंड या दोनों का प्रावधान किया गया है।
मामला सोमवार सुबह 10:15 बजे का है, जब विजयनगर के लसूडिया थाना क्षेत्र में स्थित बावड़ी बालाजी मंदिर स्कीम नंबर-78 में एक भिक्षुक को कार एमपी 09 सीक्यू 4477 के चालक द्वारा 10 रुपये की भिक्षा दी गई। भिक्षावृत्ति उन्मूलन दल ने इस पूरे घटनाक्रम का वीडियो बना लिया और शाम को लसूड़िया थाने में भिक्षा देने वाले कार चालक के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की धारा 223 के तहत अपराध पंजीबद्ध करवाया। पुलिस ने इस मामले में जांच शुरू कर दी है और सरकारी आदेशों का उल्लंघन करने पर छह महीने तक की सजा और आर्थिक दंड भुगतने का प्रावधान है, या फिर दोनों सजाएं एक साथ दी जा सकती हैं।
इससे पहले, 21 जनवरी को खंडवा नाका स्थित हनुमान मंदिर में भिक्षा मांग रही एक महिला भिक्षुक को वाहन एमपी 09 एसजी 4361 के चालक ने 10 रुपये दिए थे। इस घटना को भी भिक्षावृत्ति उन्मूलन दल ने कैमरे में रिकॉर्ड किया और मामले को दर्ज कराया। इतना ही नहीं, भिक्षावृत्ति में लिप्त महिला सोनाबाई को दो बार शपथ पत्र देकर जिम्मेदारी लेने वाले उसके पुत्र मुकेश पर भी बीएनएस की धारा 223 के तहत प्रकरण दर्ज किया गया था।