उज्बेकिस्तान के राष्ट्रपति मिर्जियोयेव ने पीएम मोदी को स्वतंत्रता दिवस की शुभकामनाएं दीं और द्विपक्षीय सहयोग

रूस के राष्‍ट्रपत‍ि व्‍लाद‍िमीर पुतिन और यूक्रेन के राष्‍ट्रपत‍ि जेलेंस्की से फोन पर बात करने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को अब उज्बेकिस्तान के राष्ट्रपति शावकत मिर्जियोयेव ने कॉल किया. मिर्जियोयेव ने पीएम मोदी और देश की जनता को 79वें स्वतंत्रता दिवस की शुभकामनाएं दीं. साथ ही दोनों नेताओं ने एनर्जी, ट्रेड, कनेक्टिविटी और सांस्कृतिक आदान-प्रदान पर विस्‍तार से चर्चा की. यह बातचीत इसल‍िए भी महत्‍वपूर्ण है, क्‍योंक‍ि उज्बेकिस्तान पाक‍िस्‍तान का पड़ोसी है और साउथ एश‍िया में ईरान के चाबहार पोर्ट से जुड़ने का गेटवे भी है.

दोनों नेताओं ने भारत और उज्बेकिस्तान के बीच बढ़ते सहयोग की सराहना की और द्विपक्षीय रिश्तों को और मजबूत बनाने के संकल्प को दोहराया. दोनों ने इस बात पर सहमति जताई कि भारत और मध्य एशिया के बीच प्राचीन ऐतिहासिक, सांस्कृतिक और आर्थिक संबंधों को मौजूदा वैश्विक परिस्थितियों में और गहरा किया जाएगा, ताकि रणनीतिक साझेदारी को नए मुकाम तक पहुंचाया जा सके.

क्‍यों खास उज्‍बेक‍िस्‍तान

1. भरोसेमंद र‍िजनल पार्टनर
अमेरिका भारत पर रूस से तेल खरीद घटाने का दबाव बना रहा है. ऐसे समय में भारत को ऐसे रिजनल पार्टनर चाहिए जो न केवल राजनीतिक रूप से भरोसेमंद हों, बल्कि जिनके पास वैकल्पिक ऊर्जा, व्यापार और सुरक्षा कनेक्शन हों. उज्बेकिस्तान इस भूमिका में फिट बैठता है, क्योंकि यह मध्य एशिया के दिल में है और भारत के लिए ईरान के चाबहार पोर्ट से जुड़ने का गेटवे भी है.

2. रूस-उज्बेकिस्तान-भारत ट्रैक
रूस, उज्बेकिस्तान का पारंपरिक साझेदार है और भारत का भी पुराना मित्र है. अगर अमेरिका के साथ रिश्ते ठंडे पड़ते हैं, तो भारत उज्बेकिस्तान के जरिये रूस-भारत-उज्बेकिस्तान ट्रायंगल रिश्ता मजबूत कर सकता है. चाहे वह डिफेंस टेक्‍नोलॉजी की बात हो, वॉर एक्‍सरसाइज की या फ‍िर मिनरल्‍स की. उज्बेकिस्तान के पास यूरेनियम, सोना और दुर्लभ धातुएं हैं, जो भारत की एनर्जी सिक्‍योरिटी और हाई-टेक इंडस्ट्री के लिए जरूरी हैं.

3. चीन को भी आईना
चीन बेल्ट ऐंड रोड इनिशिएटिव (BRI) के तहत मिड‍िल एश‍िया में अपनी पकड़ मजबूत कर रहा है, जिसमें उज्बेकिस्तान भी शामिल है. अगर भारत उज्बेकिस्तान से गहरे रिश्ते बनाता है, तो वह चीन की एकतरफा पकड़ को बैलेंस कर सकता है. इसके अलावा, उज्बेकिस्तान अफगानिस्तान के ठीक उत्तर में है, जहां चीन और पाकिस्तान भी एक्‍टि‍व हैं. भारत के लिए यह काउंटर-इन्फ्लुएंस पॉइंट बन सकता है. उज्‍बेक‍िस्‍तान पाक‍िस्‍तान का पड़ोसी है.