भारतीय क्रिकेट टीम के फैन को उम्मीद है कि टीम इंडिया आईसीसी वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप फाइनल में पहुंचेगी. उनको यह भी पता है कि अब जैसे समीकरण सामने आ रहे हैं उसके हिसाब तो यह सपना शायद सपना ही रह जाए. न्यूजीलैंड के खिलाफ घर पर लगातार तीन टेस्ट मैच हारने के बाद भारतीय टीम के लिए फाइनल में जाना नामुमकिन जैसा हो गया है. सपना पूरा करने के लिए उस टीम को हराना है जो न्यूजीलैंड से कई गुना ज्यादा ताकतवर है और अपने घर पर को उनके ज्यादा घातक कोई टीम नहीं. भारत को फाइनल का टिकट हासिल करने के लिए ऑस्ट्रेलिया को 4 टेस्ट मैच में हराना है.
न्यूजीलैंड की टीम के खिलाफ भारत को टेस्ट सीरीज से पहले जीता हुआ मान कर चल रहे थे. अपने घर पर जो टीम दशकों से नहीं हारी थी वो श्रीलंका से बुरी तरह पिटकर आ रही टीम से भला कैसे हार जाती. टीम इंडिया को कीवी टीम ने घुटने पर ला दिया. एक दो नहीं बल्कि तीनों ही मैच अपने नाम कर क्लीन स्वीप कर दिया. भारत जो आसानी से वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप फाइनल में जाता दिख रहा था अब वो लगभग बाहर हो चुका है. उसे कोई बड़ा करिश्मा ही फाइनल का टिकट दिला सकता है. यह जानकर बुरा लगेगा लेकिन हकीकत यही है कि यहां से उसके लिए सफर नामुमकिन जैसा हो चुका है.
भारत को वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप फाइनल का टिकट हासिल करना है तो ऑस्ट्रेलिया दौरे पर बॉर्डर गावस्कर ट्रॉफी ना सिर्फ जीतना है बल्कि मेजबान का पूरी तरह से सफाया करना होगा. 5 मैचों की टेस्ट सीरीज में भारतीय टीम सिर्फ 1 मैच ड्रॉ कर सकती है. बाकी बचे 4 मैचों में उसे जीतना होगा. ऑस्ट्रेलिया को ऑस्ट्रेलिया में जाकर 5 मैचों की सीरीज में 0-4 से हराना बेहद मुश्किल है.
आग उगलती गेंद, खूंखार खिलाड़ी
ऑस्ट्रेलिया की टीम को उसके घर पर हराना हिमालय पर्वत चढ़ने जैसा मुश्किल है. 22 नवंबर से पर्थ में पहला टेस्ट मैच खेला जाना है. तेज और उछाल भरी पिच को दुनिया के सबसे खतरनाक पिचों में से एक माना जाता है. बल्लेबाजों के लिए इसे कब्रगाह बताया जाता है और तेज गेंदबाजों के लिए स्वर्ग. कप्तान पैट कमिंस के साथ मिचेल स्टार्क और जोश हेजलवुड की धारदार गेंद के आगे भारत में ढेर हुए बल्लेबाजों को टिकना मुश्किल होगा. नाथन लियोन की स्पिन भी मुसीबत बनेगी. पैट पहले ही कह चुके हैं कि वो किसी भी हाल में भारत को इस बार जीतने नहीं देंगे. पिछली हार से सबक लेकर यह टीम खेलने उतरेगी. हालिया फॉर्म भी ऑस्ट्रेलिया के साथ होगा.