सुप्रीम कोर्ट ने दिल्‍ली सरकार की लगाई क्‍लास

राजधानी के रिज एरिया में पेड़ काटे जाने के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को दिल्‍ली सरकार और डीडीए को आड़े हाथों लिया. बेंच ने सरकार से साफ-साफ पूछा कि पेड़ काटे जाने के मामले में वो कितना मुआवजा देने जा रहे हैं. दिल्‍ली सरकार की तरफ से इस पूरे घटनाक्रम का ठीकरा उपराज्‍यपाल और दिल्‍ली विकास प्राधिकरण (DDA) पर फोड़ने का प्रयास किया गया. इसपर कोर्ट ने कहा कि हम यहां डीडीए और दिल्‍ली सरकार की लड़ाई तय करने नहीं बैठे हैं. हम पर्यावरण बचाने आए हैं. सरकार से कोर्ट ने पूछा कि आपने उपराज्‍यपाल को यह क्‍यों नहीं बताया कि ऐसा करना गलत है.

सुप्रीम कोर्ट ने दक्षिण दिल्ली के रिज इलाके में पेड़ो की कटाई पर नाराजगी जाहिर की. कोर्ट ने कहा कि रिज फॉरेस्ट एरिया के लिए सरकार द्वारा अनुमति देना अवमानना ​​है. ⁠हम अवमानना ​​जारी करेंगे. बेंच ने कहा कि आपकी अंग्रेजी की पूरी समझ गलत है. अपने अधिकारी से फिर से पूछें कि क्या वह सरकार द्वारा इस अधिसूचना को वापस ले रहे हैं? अगर वह सहमत नहीं होता हैं, तो हम अभी अवमानना ​​नोटिस जारी करेंगे. बेंच ने कहा यह आपकी गलती है. ⁠अब हमें बताएं कि पेड़ कहां गए.

सुप्रीम कोर्ट के कड़े रुख को देखते हुए दिल्ली सरकार की ओर से वरिष्ठ वकील आदित्य सौंढी ने कहा कि अधिकारी अनुमति की अधिसूचना वापस लेंगे. मेरे पास निर्देश हैं. ⁠पेड़ जब्त कर लिए गए हैं. जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अब हमें बताएं कि दिल्ली सरकार कितना मुआवजा देगी और सरकार कितने पेड़ लगाएगी? आप पर्यावरण नहीं बचा रहे हैं. अब हमें बताएं कि एलजी द्वारा अनुमति दिए जाने के बाद, क्या उन्होंने एलजी को सूचित किया कि अदालत की अनुमति नहीं है? क्या एलजी को यह बताना कर्तव्य नहीं था कि जब तक अदालत अनुमति नहीं देती, हम ऐसा नहीं कर सकते?