मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने शनिवार को सीहोर जिले को करीब 2 हजार करोड़ रुपये की निवेश सौगात दी। बड़ियाखेड़ी औद्योगिक क्षेत्र में चार इकाइयों का भूमिपूजन और 6 को भूमि आवंटन के आशय पत्र वितरित किए गए। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह निवेश सीहोर को औद्योगिक हब में बदलने की दिशा में अहम कदम है। सीहोर को भोपाल मेट्रोपॉलिटन क्षेत्र में जोड़ा जाएगा। इंदौर मेट्रोपॉलिटन में देवास, उज्जैन, धार और पीथमपुर जैसे शहर शामिल होंगे। यह योजना राज्य के समग्र विकास को नई दिशा देगी
रोजगार के अवसर: युवाओं को नहीं जाना होगा राज्य से बाहर
मुख्यमंत्री ने घोषणा की कि अब प्रदेश के युवाओं को राज्य से बाहर जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी। सरकार निवेशकों को बिजली, पानी और अधोसंरचना के साथ महिला श्रमिकों को ₹6000 और पुरुषों को ₹5000 महीना देगी। उन्होंने कहा कि हम उद्योगों को कृषि, उद्योग और निवेश तीनों को जोड़ती सरकार हैं। सीएम ने कांग्रेस पर तंज कसते हुए कहा कि उनकी दृष्टि दोषपूर्ण नीतियों के कारण प्रदेश पिछड़ा रहा। हमारी सरकार ने सिंचाई रकबे को 7 लाख हेक्टेयर से बढ़ाकर 52 लाख हेक्टेयर कर दिया है। उन्होंने कहा कि फूड इंडस्ट्री से किसानों को फसल के उचित दाम मिलेंगे
शनिदेव की कृपा से होगा स्थायी लाभ
मुख्यमंत्री ने अपने संबोधन में शनिवार के दिन का विशेष उल्लेख करते हुए कहा कि शनिवार को जो कार्य प्रारंभ होते हैं, वे कभी विफल नहीं होते। उन्होंने निवेशकों को यह विश्वास दिलाया कि सीहोर का भविष्य उज्ज्वल और लाभकारी है।
प्रभारी मंत्री कृष्णा गौर ने कहा कि मुख्यमंत्री ने निवेशकों के लिए रेड कारपेट बिछाया है। उद्योगपतियों की समस्याओं को प्राथमिकता से सुलझाया जाएगा। साथ ही उन्होंने निवेशकों से आग्रह किया कि वे प्रदेश के विकास में भागीदार बनें। मंदिर मानकर विकसित कर रहे हैं।
जहां बढ़िया काम हो, वो बड़ियाखेड़ी
मंच पर ही राजस्व मंत्री करण सिंह वर्मा ने औद्योगिक क्षेत्र का नाम बड़ियाखेड़ी होने पर आपत्ति जताते हुए इसे ‘जहांगीरपुरा’ कहा जाना चाहिए। यह क्षेत्र उनके इछावर विधानसभा क्षेत्र में है। इस पर मुख्यमंत्री ने मुस्कराते हुए जवाब दिया, “जहां बढ़िया काम हो, वो बड़ियाखेड़ी कहलाता है।” उन्होंने मंत्री से कहा, “यह भी आपका ही क्षेत्र है।”
‘मोहन एक्सप्रेस’ बना मुख्यमंत्री, दो माह में दिखा विकास
सीहोर विधायक सुदेश राय ने मुख्यमंत्री को ‘मोहन एक्सप्रेस’ की उपाधि देते हुए कहा कि दो महीने पहले रखी गई मांगों को इतने कम समय में पूरा कर देना अद्भुत है। इससे यह विश्वास जगा है कि विकास की रफ्तार अब थमेगी नहीं।