‘ट्रंप प्रशासन चाहता है कि महिलाएं अबॉर्शन कराने के बजाय मर जाएं’, जानें किसने कही ये बात

अमेरिका में ट्रंप प्रशासन ने बड़ा फैसला किया है। ट्रंप प्रशासन अस्पतालों को दिए गए उस दिशानिर्देश को रद्द कर रहा है, जिसमें गंभीर हालत में आपातकालीन गर्भपात की अनुमति दी गई थी।

वाशिंगटन: अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के नेतृत्व वाले प्रशासन ने कहा है कि वह देश के अस्पतालों को आपात स्थिति में महिलाओं का गर्भपात करने की अनुमति देने संबंधी दिशानिर्देश को वापस लेगा। यह दिशानिर्देश 2022 में अस्पतालों को तब जारी किया गया था जब अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट ने अमेरिका में राष्ट्रीय गर्भपात अधिकारों को खत्म कर दिया था। 

जो बाइडेन प्रशासन ने जारी किए थे दिशानिर्देश

यह दिशानिर्देश अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति जो बाइडेन के प्रशासन ने उन गंभीर मामलों में गर्भपात की अनुमति देने के लिए जारी किया था, जिनमें महिलाओं को चिकित्सकीय आपात स्थिति से बचाने के लिए यह आवश्यक होता है। ट्रंप प्रशासन ने मंगलवार को कहा कि वह अब बाइडेन सरकार की इस नीति को लागू नहीं करेगा

चिकित्सकों ने जताई चिंता

कुछ चिकित्सकों और गर्भपात अधिकार समर्थकों ने इस घोषणा के बाद चिंता व्यक्त की है। चिंता इस बात की है कि महिलाएं अब उन राज्यों में आपात स्थिति में गर्भपात नहीं करा सकेंगी जहां यह प्रतिबंध सख्ती के साथ लागू होगा। ‘सेंटर फॉर रिप्रोडक्टिव राइट्स’ की अध्यक्ष और मुख्य कार्यकारी अधिकारी नैन्सी नॉर्थअप ने एक बयान में कहा, ‘‘ट्रपं प्रशासन चाहता है कि महिलाएं जीवनरक्षक गर्भपात कराने के बजाय आपातकालीन कक्षों में मर जाएं।’’ 

किसने किया ट्रंप प्रशासन का समर्थन

दूसरी ओर गर्भपात विरोधी संगठनों ने ट्रंप प्रशासन का समर्थन किया है। एसबीए प्रो लाइफ अमेरिका की अध्यक्ष मर्जोरी डैनेनफेलसर ने कहा कि बाइडेन प्रशासन इस कानून का इस्तेमाल उन राज्यों में गर्भपात बढ़ाने के लिए कर रहा था, जहां यह प्रतिबंधित है। (एपी)