वनडे में दो बॉल नियम में बदलाव होगा:ICC मीटिंग में प्रस्ताव रखा गया; टेस्ट में 60 सेकेंड स्टॉप क्लॉक हो सकता है लागू

इंटरनेशनल क्रिकेट काउंसिल (ICC) वनडे में दो बॉल के नियम में बदलाव पर विचार कर रही है। इस सप्ताह जिम्बाब्वे के हरारे में हुई बैठक में क्रिकेट कमेटी ने पारी के 35वें ओवर से केवल एक बॉल का उपयोग करने का प्रस्ताव रखा है। साथ ही टेस्ट में 60 सेकेंड का स्टॉप क्लॉक भी लागू हो सकता है।

मेंस क्रिकेट कमेटी के अध्यक्ष सौरव गांगुली ने इस नियम के शुरुआत की सिफारिश की है। इसके मुताबिक प्रत्येक पारी की शुरुआत दो नई गेंदों से होगी, जैसा कि अभी होता है। लेकिन बॉलिंग करने वाली टीम को 34वें ओवर के बाद यह फैसला लेना होगा कि वे किस बॉल से खेलना चाहती हैं।

पहले 25 ओवर में बॉल बदलने की सिफारिश की थी

कमेटी ने मीटिंग में पहले 25 ओवर के बाद गेंद बदलने पर विचार किया था। लेकिन इसे कई मेंबर्स से समर्थन नहीं मिला। उनका कहना था कि, 17 ओवर तक बॉल का इस्तेमाल करने के बाद ही यह तय करना ज्यादा सही होगा कि कौन सी गेंद का इस्तेमाल जारी रखा जाए। बोर्ड इस महीने की आखिर में इस पर अपना फैसला सुना सकती है।

बल्लेबाजों को मिलता है फायदा

अक्टूबर 2011 से वनडे में दो नई बॉल का नियम लागू है। अभी वनडे में दो नई बॉल का दोनों साइड से इस्तेमाल किया जाता है। ऐसे में गेंद सख्त बनी रहती है जिससे बल्लेबाजों को खुलकर रन बनाने का मौका मिलता है।

ICC के एक सदस्य ने न्यूज एजेंसी को बताया, कमेटी ने तीन नियमों में बदलाव करने के बारे में सोचा है। वनडे क्रिकेट में एक बॉल का उपयोग, टेस्ट मैच में ओवर रेट की जांच के लिए क्लॉक टाइमर और अंडर 19 मेंस वर्ल्ड कप को 50 ओवर से टी20 में बदलना।

टेस्ट क्रिकेट में भी 60 सेकेंड का स्टॉप क्लॉक

बोर्ड ने टेस्ट क्रिकेट में 60 सेकेंड के स्टॉप क्लॉक पर भी विचार किया है। स्लो ओवर रेट से निपटने के लिए 2024 से इस नियम को टी20 और वनडे में लागू किया गया है। ऐसे में इसे टेस्ट फॉर्मेट में भी लाया जा सकता है।

टाइमर क्लॉक नियम में ओवरों के बीच 60 सेकेंड का समय दिया जाता है। इसके बीच में ही आपको दूसरा ओवर शुरू करना होता है। अगर कोई टीम निर्धारित समय से अपने ओवर पूरा नहीं करती तो उसे 30-यॉर्ड सर्कल में एक एक्स्ट्रा फील्डर लाना होता है।