बीपीएससी 70वीं पीटी परीक्षा के बाद छात्रों का हंगामा

बिहार लोक सेवा आयोग की 70वीं संयुक्त प्रारंभिक परीक्षा आज है। पटना, मुजफ्फरपुर, भागलपुर, गया, पूर्णिया, खगड़िया, बेगूसराय, शेखुपरा, पूर्वी और पश्चिमी चंपारण समेत सभी जिलों में कुल 912 परीक्षा केंद्र बनाए गए हैं। बिहार के सबसे बड़ा एग्जाम सेंटर बापू परीक्षा केंद्र (पटना) में भी यह परीक्षा ली जा रही है। पटना जिले में 60 से अधिक केन्द्र बनाए गए हैं। कुल 4.85 लाख परीक्षार्थी इस परीक्षा में शामिल हो रहे। परीक्षा में किसी तरह की कोई गड़बड़ी न हो, इसके लिए सारी तैयारी पूरी कर ली गई है। अभ्यर्थियों को ढाई घंटा पहले यानी सुबह साढ़े नौ बजे बुलाया गया है। परीक्षा शुरू होने से एक घंटा पहले यानी 11 बजे तक ही एग्जाम सेंटर में प्रवेश दिया गया। परीक्षा एक ही पाली में दोपहर 12 से 2 बजे तक होगी।

बीपीएससी में कंट्रोल रूम बनाया गया है। यहां बैठे अधिकारी और कर्मी हर सेंटर की निगरानी करेंगे। साथ ही सोशल मीडिया पर भी निगरनी रखी जा रही है। बीपीएससी के अध्यक्ष परमार रवि मनु भाई ने किसी तरह के अफवाहों पर ध्यान नहीं देने की अपील की है। अफवाह फैलाने वालों पर बिहार पुलिस की साइबर सेल कार्रवाई करेगी। उन्होंने बताया कि परीक्षा के चार सेट में प्रश्न पत्र प्रकाशित किए गए हैं। इनमें से किसी भी सेंट में परीक्षा ली जाएगी। कदाचार मुक्त परीक्षा को लेकर त्रिस्तरीय जांच की व्यवस्था की गई है। सभी परीक्षा केंद्रों पर जैमर लगाए गए हैं।

बीपीएससी पीटी परीक्षा प्रश्नपत्र लीक होने की कथित खबर के बाद पटना के बापू सभागार में छात्रों ने जमकर हंगामा किया। 70वीं बीपीएससी के लिए राज्य के अलग अलग जिलों में दोपहर 12 बजे से परीक्षा हो रही है। दोपहर बाद एक वर्ग के द्वारा यह दावा किया गया कि परीक्षा का प्रश्नपत्र वायरल हो गया है। दोपहर एक बजे के बाद प्रश्न पत्र वायरल होने के दावे किए गये। हालांकि बीपीएससी ने प्रश्न प्रत्र लीक होने के दावों को सिरे से नकार दिया है। बीपीएससी का कहना है कि यह शरारती तत्वों की करतूत है आयोग का कहना है कि कहीं भी प्रश्न प्रत्र लीक नहीं हुआ है। जो लोग ऐसी अफवाह उड़ा रहे हैं उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। 

परीक्षा के दौरान कदाचार करते हुए पाये जाने की स्थिति में इस परीक्षा सहित आगामी पांच वर्षों के लिए आयोग की परीक्षाओं में भाग लेने से वंचित कर दिया जाएगा। साथ ही भ्रामक और अफवाह फैलाने की स्थिति में तीन वर्षों के लिए आयोग की परीक्षा से वंचित कर दिया जाएगा।

बारकोड की स्कैनिंग के बाद प्रवेश
परीक्षा को लेकर आयोग ने एक नई पहल की शुरुआत की है। अब सभी केन्द्रों पर अभ्यर्थियों के बारकोड की स्कैनिंग की जाएगी। स्कैनिंग में सब कुछ स्पष्ट होने के बाद ही अभ्यर्थियों को प्रवेश की अनुमति दी जाएगी। इन सभी प्रक्रियाओं को परीक्षा शुरू होने से एक घंटा पूर्व पूरा करना अनिवार्य है।