केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने जम्मू-कश्मीर को लेकर एक बड़ा बयान दिया है. उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर का पूर्ण राज्य का दर्जा वादे के मुताबिक बहाल किया जाएगा. हालांकि, उन्होंने इसकी कोई निश्चित समयसीमा बताने से इनकार कर दिया. शाह ने यह बात शुक्रवार रात ‘टाइम्स नाउ समिट 2025’ में कही. इस दौरान उन्होंने पिछले साल जम्मू-कश्मीर में हुए विधानसभा चुनावों का जिक्र करते हुए इसे ऐतिहासिक और शांतिपूर्ण बताया.

अमित शाह ने कहा कि 2019 में अनुच्छेद 370 को निरस्त करने और जम्मू-कश्मीर को दो केंद्र शासित प्रदेशों में विभाजित करने के बाद सरकार ने संसद में वादा किया था कि उचित समय पर राज्य का दर्जा बहाल कर दिया जाएगा. उन्होंने दोहराया, ‘हमने आश्वासन दिया है कि जम्मू-कश्मीर को राज्य का दर्जा मिलेगा, लेकिन यह सार्वजनिक मंच पर नहीं बताया जा सकता कि यह कब होगा.’ शाह के इस बयान से एक बार फिर इस मुद्दे पर चर्चा तेज हो गई है.

बिना खून बहाए चुनाव संपन्न हुआ
गृह मंत्री ने जम्मू-कश्मीर में हाल के विधानसभा चुनावों को लोकतंत्र की बड़ी जीत करार दिया. उन्होंने कहा, ‘कश्मीर में 40 साल बाद ऐसा पहला चुनाव हुआ, जिसमें कहीं भी पुनर्मतदान की नौबत नहीं आई. न आंसू गैस का इस्तेमाल हुआ, न गोली चली. 60 प्रतिशत मतदाताओं ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया. यह वहां के हालात में बहुत बड़ा बदलाव दर्शाता है.’ शाह ने इस शांतिपूर्ण चुनाव को केंद्र सरकार की नीतियों का परिणाम बताया.

राज्य का दर्जा बहाल करने की समयसीमा पर उनकी चुप्पी ने कई सवाल खड़े कर दिए हैं. विपक्षी दलों का कहना है कि सरकार इस मुद्दे पर स्पष्टता नहीं दे रही. दूसरी ओर, केंद्र सरकार का दावा है कि जम्मू-कश्मीर में शांति और विकास के बाद ही यह कदम उठाया जाएगा. शाह के बयान से यह साफ है कि सरकार अपने वादे पर कायम है, लेकिन इसे लागू करने का समय अभी तय नहीं हुआ है.