हरियाणा के पूर्व सीएम ओमप्रकाश चौटाला के निधन पर तीन दिनों का राजकीय शोक रहेगा। 20 से 22 दिसंबर तक तीन दिन का राजकीय शोक रहेगा और 21 दिसंबर को प्रदेश में एक दिन की छुट्टी का एलान किया गया है। इसके अलावा 20-22 दिसंबर तक प्रदेश में कोई सरकारी मनोरंजन कार्यक्रम नहीं होगा। 21 दिसंबर को राजकीय सम्मान के साथ पूर्व मुख्यमंत्री का अंतिम संस्कार होगा। यह आदेश हरियाणा सरकार की तरफ से जारी किया गया है।
भाजपा के मंत्री कृष्णलाल पंवार का कहना है कि पूर्व मुख्यमंत्री ओमप्रकाश चौटाला जमीन से जुड़े नेता थे। उनके नेतृत्व में मैं चार बार विधायक बना, वे पूरा मान-सम्मान करते थे। पंवार शुक्रवार को जिला परिवेदना समिति की बैठक में लोगों की समस्याएं सुन रहे थे, जब उनको पूर्व मुख्यमंत्री ओमप्रकाश चौटाला के देहांत की सूचना मिली। उधर, रोहतक से पूर्व मुख्यमंत्री ओमप्रकाश चौटाला का गहरा जुड़ाव रहा। 1990 में महम से उन्होंने उप चुनाव लड़ा, लेकिन उप चुनाव में हुई हिंसा यानि महम कांड के चलते चुनाव रद्द हो गया। छह माह में चौटाला विधायक नहीं बन सके, इसके बाद उनको इस्तीफा देना पड़ा।
ओम प्रकाश चौटाला का जन्म एक जनवरी 1935 को सिरसा के गांव चौटाला में हुआ था। चौटाला पांच बार हरियाणा के सीएम रहे। दो दिसंबर 1989 को चौटाला पहली बार मुख्यमंत्री बने थे। वे 22 मई 1990 तक इस पद पर रहे। 12 जुलाई 1990 को चौटाला ने दूसरी बार मुख्यमंत्री पद को शपथ ली थी, जब तत्कालीन मुख्यमंत्री बनारसी दास गुप्ता को दो माह में ही पद से हटा दिया गया था। हालांकि चौटाला को भी पांच दिन बाद ही पद से त्यागपत्र देना पड़ा था। 22 अप्रैल 1991 को तीसरी बार चौटाला ने सीएम पद संभाला। लेकिन दो हफ्ते बाद ही केंद्र सरकार ने प्रदेश में राष्ट्रपति शासन लगा दिया था।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, ‘हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री ओम प्रकाश चौटाला जी के निधन से अत्यंत दुख हुआ है। प्रदेश की राजनीति में वे वर्षों तक सक्रिय रहे और चौधरी देवीलाल जी के कार्यों को आगे बढ़ाने का निरंतर प्रयास किया। शोक की इस घड़ी में उनके परिजनों और समर्थकों के प्रति मेरी गहरी संवेदनाएं।’