भोपाल. भोपाल की सब्जी मंडी में इन दिनों एक खास चेहरा नजर आ रहा है, जिसे लोग ‘प्लास्टिकमैन’ के नाम से पहचान रहे हैं. यह व्यक्ति अपने ग्रुप के साथ मिलकर लोगों को प्लास्टिक के खतरनाक दुष्प्रभाव के बारे में बता रहा है. उनका उद्देश्य है कि शहर को पॉलिथीन मुक्त बनाया जाए, ताकि कैंसर जैसी खतरनाक बीमारियों से बचा जा सके.
लोकल 18 से बात करते हुए पर्यावरणविद रुचिका सचदेवा ने बताया कि वह पिछले 5 साल से भोपाल के प्रमुख सब्जी बाजारों को पॉलिथीन मुक्त बनाने के लिए काम कर रही हैं. रुचिका का कहना है कि हाट बाजार में मिलने वाली पॉलिथीन का माइक्रोन इतना खराब होता है कि यह पर्यावरण को सबसे ज्यादा नुकसान पहुंचाता है. इसे रीसायकल भी नहीं किया जा सकता और सिर्फ कचरा डालने के काम में लाया जाता है.
हर दिन 20 हजार पॉलिथीन का उपयोग
रुचिका ने बताया कि भोपाल की न्यू मार्केट, बिट्टन मार्केट, बरखेड़ा पठानी, पुरानी सब्जी मंडी और करोद मंडी में रोजाना 20 हजार से अधिक पॉलिथीन का उपयोग किया जाता है. उन्होंने यह भी बताया कि उनकी पहल का असर यह हुआ है कि अब लोग कपड़े के बड़े थैले के साथ छोटे कपड़े के थैले भी लाने लगे हैं.
प्लास्टिकमैन राजकुमार की जागरूकता मुहिम
प्लास्टिकमैन बने राजकुमार ने भी लोकल 18 से बातचीत करते हुए बताया कि वह हर सब्जी मंडी में जाकर लोगों को पॉलिथीन के दुष्परिणाम बताते हैं. वह यंग शाला ग्रुप से जुड़कर ‘कला, क्लाइमेट और हम’ नामक थीम पर शहर की अलग-अलग सब्जी मंडी में जागरूकता फैला रहे हैं. उनका मानना है कि पर्यावरण की सुरक्षा करना हमारी जिम्मेदारी है और इसमें किसी भी प्रकार की लापरवाही नहीं बरतनी चाहिए.
प्लास्टिक का मानव स्वास्थ्य पर प्रभाव
प्लास्टिक के सेवन और सांस के जरिए शरीर में जाने से होने वाले प्रभाव गंभीर हो सकते हैं. माइक्रोप्लास्टिक से क्रॉनिक सूजन, हृदय रोग, मधुमेह, न्यूरोडीजेनेरेटिव रोग, कैंसर और स्ट्रोक जैसी बीमारियों का खतरा बढ़ सकता है.