कोविड का कहर भले ही लगभग खत्म सा हो गया हो, लेकिन इसका मतलब यह बिल्कुल नहीं है कि अब हमें अपनी सेहत और इम्यूनिटी पर ध्यान देने की आवश्यकता नहीं है। महामारी के दौरान हम अपनी सेहत को लेकर जितना सजग थे आगे भी हमे उतना ही सावधान रहना है। कई स्वास्थ्य विशेषज्ञों का भी यही मानना है, खासकर जो लोग जटिल और गंभीर बीमारी से पहले से जूझ रहे हैं। मधुमेह सभी के बीच सबसे बड़ी चिंता है क्योंकि दुनिया भर में मेटाबॉलिज्म संबंधी समस्या तेजी से बढ़ रही है, खासकर भारत में। कुछ रिपोर्ट्स की मानें तो 11 में से 1 वयस्क आज मधुमेह के साथ जी रहा है और यह संख्या आगे चलकर और भी बढ़ने की उम्मीद है।